राजस्थान में चले लंबे आंदोलनों के बाद केंद्र के स्तर पर मनरेगा और सूचने के अधिकार का कानून लागू हुआ था। लेकिन सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। यह तो पता चल जाता है कि क्या क्या हुआ लेकिन कब होगा, कब लोगों को अधिकार मिलेगा, यह पता नहीं चल पाता है। इसके लिए अरुणा रॉय और निखिल डे के संगठन के साथ अन्य संगठनों ने मिलकर जवाबदेही यात्रा निकाली है। इनकी मांग है कि सरकारें अब जवाबदेही कानून बनाए। इसके लिए इन संगठनों ने अपनी तरफ से एक प्रारूप तैयार किया है, ताकि तमाम कार्यों के लिए जवाबदेही तय की जाए।