पठानकोट के इस हमले से इतना साफ है कि बीती जुलाई से इस जनवरी तक सिर्फ साल बदला है, हाल नहीं। सुरक्षा में चूक किसी एक स्तर पर नहीं, बल्कि कई स्तरों पर सामने आ रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के कई मंत्री अलग-अलग बयान देते रहे, जिससे कई गंभीर सवाल उठते हैं... (सौजन्य : पीटीवी वर्ल्ड)