नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल का नए वायरस स्ट्रेन पर कहना है कि वायरस में बदलाव होते रहते हैं, लेकिन हर बदलाव मायने नहीं रखता. लेकिन अभी जो बदलाव हैं उसमें 17 बदलाव हैं. हमारे सेल में एंट्री करने की क्षमता इसमें ज़्यादा है. इसकी संक्रामकता ज़्यादा है. ऐसा भी कहा जाता है कि ये वायरस सुपर स्प्रेड़र बन गया है. लेकिन अहम बात है कि इससे बीमारी की गंभीरता नहीं बढ़ रही, hospitalization नहीं बढ़ाता और मौत नहीं बढ़ाता.