महाराष्ट्र सरकार ने साफ किया है कि उन मदरसों या दूसरे धार्मिक शिक्षण संस्थानों को स्कूल नहीं माना जाएगा, जहां मुख्य धारा के मान्यता प्राप्त विषयों यानी गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के विषयों की पढ़ाई नहीं होती। यानी ऐसे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की गिनती स्कूली छात्र के तौर पर नहीं की जाएगी।