रिश्वत मामले में सांसदों और विधायकों को कानून का संरक्षण नहीं

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  • प्रकाशित: मार्च 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांसदों और विधायकों को सदन में वोट डालने या भाषण देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में अभियोजन से छूट नहीं होती. सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) रिश्वत मामले में पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए 1998 के फैसले को सर्वसम्मति से पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ऐतिहासिक माना जा रहा है.

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