कपिल शर्मा के चेहरे पर मुस्कान अच्छी लगती है और वे दूसरों को हंसाते हुए जमते हैं. प्रोड्यूसर बनते ही उन्होंने कॉमेडी और सीरियसनेस का छौंक लगाने की कोशिश की और फिल्म अंग्रेजों के जमाने की फिल्म बना डाली. कपिल शर्मा अपने एक्स फैक्टर को भूल गए और उन्होंने एक मंजे हुए एक्टर की तरह बनने की कोशिश की, जो अच्छी तो लगती है लेकिन दिल में नहीं उतरती है. फिल्म की धीमी रफ्तार और खींची हुई कहानी वैसा मजा नहीं दे पाती है, जैसा कपिल के शो देते रहे हैं. फिर उन्होंने विषय भी अंग्रेजों के जमाने का ही उठाया है और फिल्म आमिर खान ‘लगान’ से भी प्रेरित लगती है.