रेकिट के सीईओ लक्ष्मण नरसिम्हन ने कहा कि प्रौद्योगिकी हमारे लिए अद्भुत अवसर प्रदान करती है. यदि मैं सूचना को देखता हूं और हमारे पास विशेषज्ञता है, तो हम विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में जानकारी का संचार कर रहे हैं. दूसरा है फ्रंटलाइन का कारोबार, तीसरा है स्कूली बच्चे. डेटॉल पाठ्यक्रम भारत के सभी प्राथमिक विद्यालयों के 75 प्रतिशत में है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. प्रभाव को तीन गुना करने की महत्वाकांक्षा केवल प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही संभव है.