देश में आबादी की जनगणना होने में भले ही अभी दो साल बाकी हों लेकिन राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार बंदरों की गिनती करवाने जा रही है. दिल्ली ही नहीं देश के कई इलाकों में आम से लेकर ख़ास आदमी तक बंदरों के आतंक से परेशान हैं. ये मसला संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में उठ चुका है लेकिन बंदरों के कारण होने वाली समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया. निकलेगा भी कैसे, बंदरों के घरों पर तो हम इंसान कब्ज़ा कर चुके हैं. जिन जंगलों में वो रहते थे उन्हें काटकर हमने अपने घर और खेत बना दिए हैं. बंदर जाते तो जाते कहां. वो अब हमारे आसपास ही रहने के अभ्यस्त हो गए हैं. दिल्ली के बंदरों को किसी और राज्य में भेजने की कोशिश भी नाकाम हो गई, देखें शरद शर्मा की खास रिपोर्ट