मोगा के गांव लंघेयाना में आजकल चर्चा बलजीत कौर और गुरमीत कौर की हो रही है. हो भी क्यों नहीं आखिर दोनों ने मिसाल कायम की है. ये साबित कर दिया है कि पढ़ने-लिखने के रास्ते में उम्र कोई बाधा नहीं है, बस लगन होनी चाहिए. बलजीत कौर ने जहां दसवीं की परीक्षा पास की है. वहीं, गुरमीत कौर ने बारहवीं की परीक्षा पास की है.