सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस बिल को जल्दबाजी में लाई, लिहाजा इसे संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को भेजा जाए. वहीं सरकार का कहना है कि अपने घोषणापत्र में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का वादा करने वाली कांग्रेस अब पीछे हट रही है. इसमें कोई शक नहीं है कि लोक सभा चुनाव के ठीक तीन महीने पहले लाए गए इस बिल के जरिए बीजेपी नाराज़ सवर्णों को खुश करना चाह रही है. कांग्रेस को यही डर सता रहा है कि कहीं बीजेपी इसका फायदा न उठा ले. लोकसभा के बाद यह बिल राज्य सभा में जाना है जिसका सत्र एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है.
(सौजन्य- LSTV)