किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर मोदी सरकार को पहली बार अंदर से विरोध झेलना पड़ा है. पश्चिम यूपी से ताल्लुक रखने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने अपने गृह क्षेत्र में कहा है कि किसानों को केंद्र सरकार खाली हाथ न भेजे. सरदार 300 साल तक नहीं भूलते. किसानों पर दबाव बनाने की रणनीति को भी उन्होंने गलत बताया. जाट नेता मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग का भी समर्थन किया. विपक्षी नेताओं ने मलिक की बात को सरकार के लिए आंखें खोलने वाला बयान बताया है. मेघालय के राज्यपाल मलिक को पिछले एक साल में 3 बार तबादला झेलना पड़ा है.