हसुबेन न केवल रबारी कढ़ाई नामक इस अनूठी शैली को अलग पहचान दिलाने की दिशा में काम कर रही हैं, बल्कि अपने गांव की युवा लड़कियों को भी ऐसा करने के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं. इस कला में पौराणिक कथाओं, रीति-रिवाजों, संस्कृति और रबारी जीवन के प्रतीकों का इस्तेमाल होता है, जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हो रहे हैं.