मणिपुर कि हालात अब तक सामान्य नहीं हुए है । समुदायों के बीच आपसी भरोसा बनना बाकी है, ठीक एक साल पहले जो जातीय हिंसा शुरू हुई थी यहाँ पर उसमें दो सौ से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं । अट्ठावन से लोग जो बेघर हुए वो राहत शिविरों में तकलीफ में जी रहे हैं । मणिपुर की आवाज शुक्रवार को दिल्ली के जंतर मंतर में भी सुनाई दी