Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ के लिए तपस्वी, साधु, संत सभी पहुंच रहे हैं...लेकिन कुछ ऐसे तपस्वी हैं जिनकी तपस्या देखकर आश्चर्य होता है। ऐसे ही एक बाबा है - कांटे वाले बाबा। इन्हें कांटे वाले बाबा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये संगम तट पर बबूल के नुकीले कांटों पर लेट कर तपस्या करते नज़र आए। बिहार के रहने वाले रमेश कुमार मांझी उर्फ ‘कांटे वाले बाबा’ के प्रति लोगों की उत्सुकता तब जागी जब वह बबूल के कांटों को बिस्तर और चादर बनाकर उस पर लेट गए। उनकी इस तपस्या के साक्षी वहां मौजूद कई श्रद्धालु बने। अपनी इस तपस्या के दौरान वो आंखें बंद कर, हाथ में डमरू लिये ध्यान मुद्रा में लेटे नज़र आए। उनकी इस तपस्या को देखकर लोगों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और कुछ श्रद्धालुओं ने उन्हें इस अवस्था में देखकर उनके चरण छूकर उनसे आशीर्वाद भी लिया। कांटों पर लेटने वाले को देखकर कोई बी सोचेगा कि ऐसा करने में उनको बहुत दर्द होता होगा...लेकिन बरसों की तपस्या और अभ्यास के बाद बाबा का कहना है उन्हें ज़रा से भी का एहसास नहीं होता