62 साल में दोस्त का साथ छूटा, पितृपक्ष आया तो उसके लिये तर्पण किया. कहानी में फर्क इतना है कि पंडित रामनरेश दुबे ये तर्पण अपने मित्र सैय्यद वाहिद अली के लिए करते हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) जिले की सुरखी विधानसभा के एक छोटे से गांव चतुरभटा में पंडित रामनरेश दुबे पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का तर्पण तो करते ही हैं लेकिन साथ-साथ अपने स्वर्गवासी मित्र सैयद वाहिद अली का भी तर्पण करते हैं.