कोरोना का असर दुनिया भर में पड़ रहा है तो बनारस कैसे बचा रह सकता था. बनारस के घाटों पर जिन लोगों की रोजी रोटी सैलानियों से चलती थी वे लोग काफी परेशान हैं. श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या कम होती जा रही है. आलम यह है कि पुजारियों को अखबार पढ़कर वक्त काटना पड़ रहा है.