किसान सक्षम हैं समझने के लिए कि उनके लिए क्या अच्छा है क्या बुरा. इसी बीच राजनेता भी उनको समझाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में बोला और कुछ प्रधानमंत्री ने संसद में. तो कौन किसानों को कितना मना पाएगा? कौन कितनी सही बात कर रहा है? इसमें किसान किसकी बात मान लेंगे? ये देखते बनेगा. सबसे पहले आपको बता दें कि प्रियंका बनाम प्रधानमंत्री किसने क्या बोला? सबसे पहले प्रियंका गांधी ने बोला कि कृषि कानूनों से अरबपतियों को मदद मिलेगी. उनको मदद दी गई है. वहीं, प्रधानमंत्री कहते हैं कि प्राइवेट सेक्टर को कोसना ठीक नहीं है. प्राइवेट सेक्टर से रोजगार बढ़ता है. फिर प्रियंका गांधी कहती हैं कि सरकारी मंडियां बंद होंगी. किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं कि कानून आया है ना मंडी बंद हुई है ना एमएसपी.