कानपुर ट्रेन हादसे के बाद कहीं बैग से, कहीं पोटलियों से, कहीं किसी दूसरे बचे-खुचे सामान से लोगों की शिनाख़्त की कोशिश होती रही. पुखरायां में हादसे की जगह परिवारवाले इकट्ठा हैं- इस उम्मीद में कि कोई करिश्मा हो जाए. इन सबके बीच दिल तोड़ने वाली कहानियां जैसे ख़त्म नहीं हो रहीं.