सुप्रीम कोर्ट पांच जजों की संविधान पीठ ने बोलने की आजादी को लेकर अहम फैसला देते हुए कहा है कि राज्य या केंद्र सरकार के मंत्रियों, सासंदों/ विधायकों व उच्च पद पर बैठे व्यक्तियों की अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी पर कोई अतिरिक्त पाबंदी नहीं लगाई जा सकती. इस बारे में बता रहे हैं हमारे सहयोगी आशीष भार्गव.