झांसी की त्रासदी का दर्द आज भी उतना तकलीफ दे रहा है. 48 घंटे बाद भी. एनडीटीवी उन सभी माता पिता के साथ है जिन्होनें 10 मासूमों को सिर्फ एक लापरवाही की वजह से हमेशा के लिए गंवा दिया है..इस की जवाबदेही बनती है. एनडीटीवी नें अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान भी पाया है कि -NICU अपनी क्षमता से अधिक में काम कर रहा था. क्षमता सिर्फ 18 शिशुओं के इलाज की है लेकिन उस वक्त वहां 50 नवजात एडमिट थे. ये भी जानकारी मिली रही है कि केंद्र सरकार के एडिशनल हेल्थ SECRETARY एस एस चांगसन ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिख कर फ़ायर सेफ़्टी के लिए मेडिकल कॉलेजों में मॉक ड्रिल कराने का निर्देश दिया था. इसके लिए 14 नवंबर की डेडलाइन तय की गई थी. केंद्र की ये चिट्ठी 24 अक्टूबर को आई थी, सवाल है क्या झांसी के इस अस्पताल में मॉक ड्रिल हुया था या नहीं?