जबेदा बेगम, असम की एक ऐसी महिला जिसने अपनी और अपने पति की नागरिकता साबित करने लिए 15 तरह के दस्तावेज़ पेश किए. लेकिन वो फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल में हार गईं. इस फ़ैसले को उन्होंने हाइकोर्ट में चुनौती दी तो वहां भी हार गईं. अब वो ज़िंदगी से हारती दिख रही हैं. सारा पैसा केस लड़ने में खर्च हो चुका है. पति बीमार हैं, बेटी पांचवीं में पढ़ती है. 150 रुपए दिहाड़ी में कैसे चलेगा. ऊपर से नागरिकता चली गई है. पति-पत्नी का एक एक पल डर में बीत रहा है. रत्नदीप चौधरी की रिपोर्ट