कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत पेश तो हो गया है. अब इस बात पर बहस हो रही है कि स्पीकर एक ही दिन में विश्वास मत की प्रक्रिया पूरी करें. कर्नाटक के राज्यपाल ने भी कहा है कि विश्वास मत एक दिन में पूरा हो. क्या संविधान में ऐसी कोई प्रक्रिया है कि राज्यपाल स्पीकर से कहें कि वे किसी प्रक्रिया को कब पूरी करें. क्या संविधान में ऐसी कोई प्रक्रिया है या नियम है जिसके तहत विश्वास मत को एक दिन के भीतर ही पूरा किया जा सकता है. यहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी एक समस्या आ गई है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा है कि वे विधायक दल के नेता हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद व्हीप जारी नहीं कर सकते हैं. उनका पक्ष नहीं सुना गया है. जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्पष्टीकरण नहीं आ जाता है तब तक विश्वास मत की कार्यवाही रोक दी जाए.