इंजीनियरिंग पढ़ने वाले छात्र पढ़ाई के बाद किसी दूसरी स्ट्रीम में चले जाते हैं, यह चिंता की बात है. आईआईटी बॉम्बे की एक स्टडी के मुताबिक 60 फीसदी छात्र अपनी कोर फील्ड के बाहर नौकरियां करते हैं, यानी इंजीनियरिंग के बाहर अन्य नौकरियां करते हैं. सवाल यह उठ जाता है कि क्या यह एक तरह से संसाधनों की बर्बादी नहीं है?