गुजरात और दिल्ली नगर निकाय चुनावों को एक साथ आयोजित करना केजरीवाल की योजनाओं पर पानी फेर सकता है. कहा जा है कि यह बीजेपी की सोची-समझी एक चाल है, जिसमें केजरीवाल फंस गए हैं.