जब 9 जून को भारत में मोदी सरकार ने लगातार तीसरी बार शपथ ली. तब क्या ये राजनीतिक घटना जस्टिन ट्रूडो की उम्मीदों के खिलाफ थी...? क्या जस्टिन ट्रूडो को लगता है कि मोदी के रहते वो अपनी साजिशों में कामयाब नहीं हो पाएंगे. क्या जस्टिन ट्रूडो किसी और के इशारे पर काम कर रहे हैं? क्या रूस के साथ भारत के रिश्ते भी कनाडा की आंखों में खटक रहे हैं? इन सवालों के जवाब आसान नहीं हैं लेकिन सवाल तो बनते हैं.