छह दिन सियाचिन में और तीन दिन अस्पताल में मौत से लगातार लड़ रहे लांसनायक हनुमंतप्पा आख़िरकार चल बसे। गुरुवार दोपहर पौने बारह बजे उन्होंने आख़िरी सांस ली। दिल्ली में उनको श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके गांव में होगा। इससे पहले दिल्ली कैंट के ब्रार चौराहे पर सियाचिन के जांबाज़ लांसनायक हनुमंतप्पा की पार्थिव देह पूरे राजकीय सम्मान के साथ लाई गई।