"जिस दिन हमें हमारी जगह पर हमारा अधिकार मिलने लगेगा, उसी दिन हम दिव्यांगों के लिए असली आज़ादी होगी,” दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू के लिए आज़ादी का यही मतलब है.