केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए इस प्रस्ताव को आगे बढ़ा रहा हूं. अभी राज्य में जैसे हालात हैं उनमें वहां चुनाव करा पाना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने पूछा है कि वहां चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं. मैं उन सभी को बताना चाहता हूं कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन, भारत सरकार और सभी दलों से बात करके और जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति व सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया कि वह राज्य में इस साल के अंत में चुनाव कराना चाहता है. ऐसे में सरकार के पास से राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प बचा नहीं था.