अक्सर सरकारें कहती हैं कि हमारी नीतियां समाज के आखिरी व्यक्ति के लिए हैं, लेकिन नोटबंदी के बाद जो सबसे ज़्यादा मार खा रहा है वो समाज का आखिरी व्यक्ति ही है. ये गरीब मज़दूर हैं, जो दिहाड़ी पर काम करते हैं. पिछले एक हफ्ते से इन्हें काम नहीं मिल रहा है. बहुत तो अपने गांव वापस चले गए हैं.