नीदरलैंड के हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान को अब काउंसलर एक्सेस भी देना होगा. पाकिस्तान से कहा गया है कि वह अपने फैसले की समीक्षा करे और पुनर्विचार करे. 8 बिन्दुओं पर दोनों देशों के बीच मतभेद था. एक बिन्दु पर सभी 16 जजों ने वोट किया जिसमें पाकिस्तान के भी जज शामिल थे. बाकी सात बिन्दुओं पर 16 में 15 जजों ने भारत के पक्ष में फैसला दिया है. फांसी की सज़ा पर रोक लगी. कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस मिलेगा और उसे कानूनी सहायता भी मिलेगी. लेकिन इस फैसले का स्वागत पाकिस्तान में भी हो रहा है. पाकिस्तान की मीडिया का कहना है कि इंटरनेशनल कोर्ट ने मिलिट्री कोर्ट के फैसले को रद्द नहीं किया. फैसले के पेज नंबर 37 पर पैराग्राफ 137 पढ़ना चाहिए. भारत ने कोर्ट से कहा कि मिलिट्री कोर्ट के फैसले को रद्द कर दे. इसे सिविल कोर्ट में हस्तांतरित करे. कोर्ट ने नहीं माना है. सिर्फ इतना कहा है कि फांसी के फैसले की समीक्षा की जाए. कोर्ट ने कहा है कि वियना कंवेंशन का उल्लंघन हुआ है इसके लिए एक मात्र रास्ता है कि फैसले को रद्द कर दिया जाए. आशिंक रूप से या पूर्ण रूप से. मतलब यह हुआ कि अगर वियना कंवेशन का उल्लंघन हुआ है तो उसकी समीक्षा होगी. इसे भी राहत माना जाना चाहिए.