राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि, "मैं एक मिशन के तहत सियासत में आया हूं. जब मैं राजनीति में आया, मेरे तीन लक्ष्य थे - न्याय, मानवता और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना. मैं सियासत में इसलिए आया क्योंकि मुझे लगा कि जिस पाकिस्तान के लिए जिन्ना ने लड़ाई की, यह वह पाकिस्तान तो है ही नहीं."