देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की हड़ताल तीसरे हफ्ते भी जारी है. विरोध प्रदर्शन को तीन हफ्ते गुज़र चुके हैं, लेकिन हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी और हॉस्टल मैनुअल में बदलाव को लेकर अभी तक कोई सुलह नहीं हो पाई है. छात्र अपने साथ विचार विमर्श के बगैर किए गए इन बदलावों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. इसी गतिरोध को ख़त्म करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई गई है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि भारत का यह सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों से मुकाबला करने में सक्षम है? दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल होने के लिए हमें क्या करना होगा? साथ ही कार्यक्रम में हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि दुनिया की दूसरी बड़ी यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए क्या स्थितियां हैं और वहां के हालात जेएनयू से कितना अलग है?