गांधी जयंती का यह डेढ़ सौंवा साल शुरू हो गया है. पिछले ही साल चंपारण सत्याग्रह का सौंवा साल था जब 1917 में गांधी चंपारण गए थे. इस 2 अक्तूबर से अगले 2 अक्तूबर की तक गांधी को याद करने के लिए बहुत से सरकारी कार्यकर्म होंगे. इन कार्यक्रमों के बीच व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के अंदरखाने गांधी जी को लेकर क्या चल रहा है, उसकी सामग्री भी प्रकाशित की जानी चाहिए. गांधी हर किसी के लिए उपलब्ध हैं. जो चाहते हैं उनके लिए भी, जो नफरत करते हैं उनके लिए भी. सबको लगता है कि उन्हें गांधी के बारे में सब पता है. जो लोग उम्र से बड़े हैं उनके पास गांधी को जानने के लिए बहुत सी किताबें हैं. जो बच्चे हैं उनके लिए भी किताबे हैं मगर पिछले कुछ महीनों में बच्चों के लिए दो ऐसी किताबें आई हैं जिनके बारे में बात होनी चाहिए. बच्चों को अगर गांधी के भारीभरकम जीवन के बारे में बताना हो तो फिर कैसे बताएंगे. यह चुनौती तो है ही. जिस किताब की हम बात करेंगे उसके कई हिस्से मिलाकर हमने एक कहानी बना दी है. पहले इस कहानी को सुनिए फिर किताब की बात करेंगे.