बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान वापस म्यांमार अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ा सवाल है कि क्या वापस लौटने के लिए उनका घर बचा है? और अगर वो वहां गए भी तो इसकी क्या गारंटी है कि दोबारा उन्हें अपनी जान बचाने के लिए नहीं भागना पड़ेगा?