एनडीटीवी पर दिन भर किसानों के हालात और समस्याओं पर हम गौर करते रहे है. कहीं सिंचाई के लिए पानी नहीं है तो कहीं उत्पाद की सही किमत नहीं मिल रही. सराकर ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य के दावे कर रही है लेकिन जमीन पर वो किसान को मिलती ही नही. कर्ज माफी की भी चर्चा है लेकिन ये कितना सार्थक है?