Jharkhand Adivasi Mahotsav: इनकी सादगी, इनका विश्वास, इनके मूल्य...ये सब मिलकर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सामने एक ऐसा समाज बनाते हैं जिनकी आस्था में प्रकृति बसती है। अगर दुनिया का फेफड़ा जिंदा है, अगर लोगों को सांस लेने के लिए थोड़ी बहुत साफ हवा मिल जाती है तो इन लोगों की बदौलत, जिनके लिए प्रकृति से प्रेम ही ईश्वर के प्रति प्रेम है। ये आदिवासी हैं। ये भारत के आदिवासी हैं। अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर जब भारत समूची दुनिया के आदिवासियों के संकल्प और संताप में एक साथ शामिल होता है तो उसके सामने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक नया मिसाल पेश करती हैं।