बुलेट ट्रेन के समर्थन और विरोध में दिए जाने वाले कई तर्कों में समस्या है. अगर हम वाकई इतने गंभीर थे तो शिलान्यास से पहले इस पर चर्चा करते कि एक ट्रैक पर सवा लाख करोड़ ख़र्च कर रहे हैं जबकि काकोदकर कमेटी ने कहा था कि मौजूदा रेल पटरियों के पूरे ढांचे को ठीक करने के लिए एक लाख करोड़ चाहिए. इस ज़रूरी काम के लिए पैसा नहीं आ सका. 2022 में चलने वाली यह बुलेट ट्रेन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की दोस्ती की मिसाल है. 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के कारण अहमदाबाद से कोई ढाई तीन घंटे में मुंबई पहुंच जाएगी. मीडिया रिपोर्ट में अनुमानित भाड़े का रेंज 3000 से 5000 रुपया बताया जा रहा है.