एक बेबस किसान, जिसके पास खेत जोतने के लिए बैल किराये पर लेने के पैसे भी नहीं थे। उसने मजबूरी में बेटे की पढ़ाई छुड़वाई और उसे खेत में काम पर लगा दिया। जब यह खबर हमने आप तक पहुंचाई तो प्रशासन भी हरकत में आया। कई लोगों ने मदद की पेशकश की। अब वह छात्र वापस स्कूल में मेहनत करेगा। किसान को भी मदद पहुंचाने के लिए प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है।