बाबरी मस्जिद की घटना हमारे सिस्टम के बड़े स्तर पर फेल होने और आज तक फेल होते रहने का सबसे शर्मनाक और अचूक उदाहरण है. जब सिस्टम फेल होता है तब क्या होता है, तब यही होता है कि एक नागरिक कमज़ोर हो जाता है. वो अपने इंसाफ़ की लड़ाई के लिए दर दर भटकने लगता है. आपने कितने दिनों से नहीं पूछा कि थाने अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं या नहीं, पुलिस और अदालतों की प्रक्रिया इंसाफ हासिल करने वालों के लिए आसानी से उपलब्ध है या नहीं. सिस्टम के सितम में आज दूसरी कहानी सुनाने जा रहा हूं.