जामिया में विरोध प्रदर्शन के दौरान गोली लगने की ख़बर है. 3 लोगों को गोली लगने की पुष्टि हुई है. मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है कि बाएं पैर में गन शॉट इंजरी है. हालांकि पुलिस ने गोली चलाने से इनकार किया है. किसी को अंदाज़ा नहीं था कि जामिया की खबर सुनते ही देश की पचीसों यूनिवर्सिटी में छात्र और शिक्षक मार्च करने लगेंगे. पोस्टर बैनर लेकर खड़े हो जाएंगे. जेएनयू के छात्रों की तत्परता से ही जामिया को तेज़ी से समर्थन मिलना शुरू हो गया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार नागरिकता कानून पर देश को समझाने में और छात्रों की नाराजगी पढ़ने में नाकाम रही?