दिल्ली के चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और आम आदमी पार्टी भारी बहुमत से जीत गई है. इस चुनावी जीत के कई मायने निकाले जा रहे है. क्या ये नफ़रती प्रयोगों की हार है और काम की जीत है? या नफ़रती प्रयोग की छोटी सी सफलता है? क्योंकि बीजेपी एकमात्र पार्टी है इस चुनाव में जिसका वोट शेयर 8 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है. अमित शाह ने अब माना है कि हो सकता है कि नफ़रती बोल से नुक़सान हुआ हो. क्या ये माना जाए कि बीजेपी अब ये रणनीति इस्तेमाल नहीं करेगी? या ये सिर्फ हार के वक़्त बोले गए बोल हैं और आगे चल कर फिर ऐसे ही प्रयोग होंगे? तो आज 'मुक़ाबला' में अमित शाह ने माना, हुआ नफ़रत से नुक़सान. घटक दल ने याद दिलाई मर्यादित रहने की बात.