18 मार्च से मई आ गया, लेकिन उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की तमाम दलीलों से बीजेपी पीछे नहीं हटी। जिन नौ विधायकों के दम पर उसने दलील दी कि सरकार अल्पमत में आ गई है, उनकी सदस्यता तक चली गई। कोर्ट में 9 विधायक अपने आपको साबित नहीं कर पाए। कांग्रेस के ज़माने में राष्ट्रपति शासन के दुरुपयोग का विरोध करते रहने वाली बीजेपी इस बार ख़ुद फंस गई।