पहले नोटबंदी और फिर GST. दोनों की मार सबसे ज्यादा छोटे व्यापारियों पर पड़ी है.ये तबका नोटबंदी से उबरने की कोशिश करते-करते GST में उलझ गया है. पिछला एक साल सिर्फ कागज़ जमा करने में निकल गया, व्यापार कुछ भी नहीं हुआ पर अब बैंक उन्हें लोन देने को तैयार नहीं है उपर से हर महीने GST भरने की मजबूरी. हालात ये हैं कि छोटा व्यापारी काम बंद कर देना चाहता है.