Greater Noida में बीती रात दो इमारतें भरभरा कर गिर पड़ीं.इन इमारतों के साथ कई ज़िंदगियां, कई सपने भी खत्म हो गए हैं.किसी ने दो दिन पहले गृह प्रवेश के लिए पूजा कराई थी, कोई महीने भर पहले ही यहाँ रहने आया था, किसी ने जीवन भर की पूंजी यहां लगा दी थी और अब समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करें.ये भी अभी एहसास नहीं कि शायद ज़िंदगी बच गई वो ज्यादा बड़ी बात है.राहत बचाव ज़रूर चल रहा है , गिरफ्तारियां भी हुई हैं लेकिन जब यहां आस पास रहने वाले लोग बताते हैं कि जिस तरह मनमानी तरीके से ये इमारतें बनाई गईं आखिर उसका ज़िम्मेदार सिर्फ बिल्डर क्यों हो.वो क्यों नहीं जिन्होंने वहां चल रही गड़बड़ी को नज़रअंदाज़ किया.