केंद्र सरकार ने BSNL-MTNL को बचाने की योजना पेश की है. टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि BSNL और MTNL का विलय किया जाएगा. एमटीएनल बीएसएनल की सहायक कंपनी के तौर पर काम करेगी. सरकार को उम्मीद है कि दो साल में दोनों कंपनियां मुनाफे में आ जाएंगी. मीडिया में दोनों के घाटे के बारे में कई खबरें छपी हैं. बीएसएनल का ही घाटा 14000 करोड़ बताया जाता है. रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि दोनों कंपनियां 15000 करोड़ के बान्ड जारी करेंगी और अगले चार साल में अपनी संपत्तियों से 38,000 करोड़ की राशि का बंदोबस्त करेंगी. कैबिनेट में कर्मचारियों की संख्या भी कम करने का फैसला किया गया है. इसके लिए सेवा के जितने साल बचे होंगे उसकी सैलरी, ग्रेच्युटी और पेंशन का 125 प्रतिशत दिया जाएगा. इस तरह से आधे से ज़्यादा कर्मचारी वीआरएस के ज़रिए रिटायर कर दिए जाएंगे. लाइव मिंट की रिपोर्ट में बताया है कि मार्च 2018 तक BSNL के पास 70,000 करोड़ की ज़मीन ही थी. 3760 करोड़ की इमारत थी. MTNL पर 40,000 करोड़ की देनदारी हो गई है. बीएसएनएल को 2016 की कीमत पर 4जी भी दिया जाएगा जिसके लिए सरकार 4000 करोड़ देगी. बीएसएनएल और एमटीएनएल के कर्मचारी यूनियनों के नेता ने स्वागत किया है.