Ganesh Chaturthi 2024: झेलम नदी की किनारे बसा ये गणपतयार का मंदिर लगभग 200 साल पहले स्थापित हुआ था. यह कश्मीर घाटी में सबसे प्रमुख गणेश मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। इस मंदिर ने कई दौर देखे है। 1990 में आतंक के दौर में भी यहाँ पूजा बंद नहीं हुई। अभी भी सीआरपीएफ़ की निगरानी में है ये मंदिर। कश्मीर की चुनावी डायरी में आपको मिलते है कुछ ऐसे कश्मीरी पंडितों से जो कभी घाटी छोड़ कर नहीं गये। उनकी ज़ुबानी सुनिए क्या बीता उन पर पिछले तीस सालों में