वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, राजद्रोह कानून (sedition law) पर सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ था कि इसका दुरुपयोग किया जा रहा है. संविधान में लोकतांत्रिक ढंग से आलोचना का अधिकार है, लेकिन यह राजद्रोह कानून तो कहता है कि सरकार के प्रति स्नेह न रखना भी अपराध है.