दिल्ली के बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों के साथ पिछले 2 महीनों से भी ज्यादा वक्त से डटे हुए हैं. किसानों का कहना है कि वह पहले से तय करके आए थे कि चाहें उनके संघर्ष में कितना भी समय लगे वह अपने कदम पीछे नहीं करेंगे. पिछले 2 महीनों ने किसानों ने कई बार अपने रुख से साफ भी किया है कि उन्हें कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं.