फरीदाबाद और दिल्ली के बॉर्डर के अरावली के जंगलों में बसा खोरी गांव...ये खोरी गांव कोई रातों रात नहीं बसा है. बीते 20 सालों में अरावली के जंगल के बिल्कुल बीचों बीच में ये पूरा गांव बस गया. खोरी गांव में जमीन खरीदने वाले वो लोग थे, जो मेहनत मजदूरी करने दिल्ली में आए थे. उन्होंने सोचा कि अपना भी घर होना चाहिए, तो भूमाफिया और सरकारी मुलाजिमों की सांठ-गांठ से खोरी गांव की जमीन उनको बेची गई.