Ek Minute Kavita: 'कुछ लड़कियों के पास घर नहीं होते' गगन गिल की यह कविता स्त्री के भीतर के मोह, असुरक्षा, मोहभंग और आत्मबोध की यात्रा को बहुत सघन और संवेदनशील भाषा में कहती है। 'घर' यहां एक प्रतीक है जिसकी खोज में लड़की अकेले चलती है, भीतर भी और बाहर भी।